Monday 6 July 2015

सामाजिक-धार्मिक आंदोलन-2

वहावी आंदोलन

इस आंदोलन को भारत में सबसे ज्यादा प्रचारित करने का श्रेय सैयद अहमद बरेलवी और इस्लाम हाजी मौलवी मोहम्मद को दिया जाता है ।
इस आंदोलन ने मुसलमानों पर पड़ने वाले पाश्चात्य प्रभावों का विरोध किया ।
इस आंदोलन क मुख्य केंद्र पटना था ।
अपने प्रारंभिक दिनों में यह आंदोलन पंजाब में सिख सरकार के विरुद्ध चलाया गया ।

प्रार्थना समाज

आचार्य केशवचंद्र सेन की प्रेरणा से महादेव गोविंद रानाडे, डॉ. आत्माराम पांडुरंग, चंद्रावरकर जैसे सुधारकों ने 1867 ई. में बंबई में प्रार्थना समाज की स्थापना की ।
जी आर भंडारकर प्रार्थना समाज के अग्रणी नेता थे ।
इस समाज की स्थापना का मकसद जाति प्रथा का विरोध, स्त्री पुरुष विवाह की आयु में वृद्धि, विधवा विवाह, स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देना था ।


अलीगढ़ आंदोलन

अलीगढ़ आंदोलन सर सैयद अहमद खां द्वारा अलीगढ़ में चलाया गया ।
इन्होंने 1877 ई. मे अलीगढ़ में आंग्ल-मुस्लिम स्कूल की स्थापना की ।
आंग्ल-मुस्लिम स्कूल को मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल स्कूल भी कहा जाता है ।
1920 ई. तक यह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के रुप में सामने आया ।

अहमदिया आंदोलन (1889 ई.)

मिर्जा गुलाम अहमद द्वारा गुरदासपुर (पंजाब) के कादिया नामक स्थान पर सन् 1889 ई. में अहमदिया आंदोलन चलाया गया ।
गुलाम अहमद स्वयं को कृष्ण का अवतार कहते थे ।

देवबंद आंदोलन

मुस्लिम संप्रदाय के लिए धार्मिक नेता तैयार करने, अंग्रेजी शिक्षा और पश्चिमी संस्कृति पर पाबंदी लगाने के लिए देवबंद आंदोलन को चलाया गया ।
मोहम्मद कासिम ननौतवी और रशीद अहमद गंगोह ने देवबंद, सहारनपुर (उत्तरप्रदेश) में 1866-67 ई. में इस आंदोलन को चलाया ।

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