Saturday 4 July 2015

कक्षा 7 -इतिहास( NCERT)


( अध्याय 1, इतिहास ) हजार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
= सबसे पहले 1154 में मानचित्र बनाने का श्रेय अरब भूगोलवेत्ता अल - इद्रीसी को जाता है |
= 13 वीं सदी में फारसी इतिहासकार मिन्हाज -ए- सिराज ने पंजाब, हरियाणा और गंगा - यमुना के क्षेत्र के लिए हिन्दूस्तान शब्द का प्रयोग किया है|
= 14 वीं सदी के कवि अमीर खुसरो ने भारत के लिए ' हिन्द ' शब्द का प्रयोग किया है |
= मध्य काल को 700 - 1750 तक का समय माना जाता है |
= 14 वीं शताब्दी के इतिहासकार जियाउद्दीन बरनी ने अपना पहला वृतांत 1356 में, दूसरा 1358 में लिखा था |
= मध्य काल में नई प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया गया था जैसे रहट सिंचाई में, कताई में चर्खे और युद्घ में आग्नेयास्त्रों( बारूद वाले हथियार) |
= कायस्थ - लिपिकों और मुन्शियों का कार्य करने वाली जाति |
= मुस्लिम धर्म का प्रचार भारत में सातवीं सदी में व्यापारियों और प्रवासियों ने किया, मुसलमान, कुरान शरीफ़ को अपना धर्मग्रंथ मानते हैं , भारत में दो इस्लामी न्याय सिद्धांत हैं "हनफी़ व शफी " |
= 19 वीं सदी के मध्य में जैम्स प्रिसेंप ने भारतीय इतिहास को तीन युगों में बांटा था : 'हिन्दू', 'मुस्लिम' और 'ब्रिटिश' |
कक्षा 7 (अध्याय 2) नए राजा और उनके राज्य
= नए राजवंशों का उदय - दक्कन में राष्ट्रकूट कर्नाटक के चालुक्य राजाओं के अधीनस्थ थे , 8 वीं सदी में एक राष्ट्रकूट प्रधान दंतीदुर्ग ने चालुक्य नरेश को हराया और हिरण्यगर्भ यज्ञ किया |
= हिरण्यगर्भ का शाब्दिक अर्थ है सोने का गर्भ ( इसमें जो जन्म से क्षत्रिय नहीं है वो इसको करके क्षत्रियत्व प्राप्त कर सकता था |
= तमिलनाडु के चोल प्रशासन में करों के 400 प्रकार थे, "वेट्टी" एक प्रकार का कर जो जबरन श्रम के रूप में था, "कदमई" भू -राजस्व कर थे |
= 12 वीं सदी में कल्हण ने राजतरंगिणी पुस्तक संस्कृत में लिखी थी , इसमें कश्मीर के राजाओं का इतिहास लिखा है |
= "त्रिपक्षीय संघर्ष " में गुर्जर -प्रतिहार, राष्ट्रकूट और पाल शासक शामिल थे जो हमेशा कन्नौज पर नियंत्रण पाने के लिए लड़ते थे |
= गजनी (अफगानिस्तान) का सुल्तान महमूद ( 997 - 1030 ) ने भारतीय उपमहाद्वीप में 17 बार आक्रमण किये, उसका मुख्य लक्ष्य मन्दिरों की दौलत लूटना था |
= अल-बिरूनी ( सुल्तान महमूद के साथ आया था) ने अरबी लिपि में "किताब अल -हिन्द " लिखी है |
= दिल्ली और अजमेर के क्षेत्र में चाहमान ( चौहान) शासन कर रहे थे, प्रसिद्ध शासक पृथ्वीराज चौहान ने (1168-1192) मुहम्मद गौरी से दो तराईन के युद्ध किए पहले में जीत ,दूसरे में हार का सामना करना पड़ा |
= चोल राज्य - एक नज़र में
उरइयार के चोलवंशीय विजयालय ने चोल राज्य की नींव रखी थी, उसने तंजावूर शहर व निशुम्भसूदनी देवी का मन्दिर बनवाया |
= राजराज प्रथम 985 ई. में राजा बना, इसके बेटे राजेन्द्र प्रथम ने गंगा नदी को जीत कर "गंगैकोडांचोलापुरम्" की उपाधि धारण की थी, इनके पास जलसेना भी थी |
= चोल कांस्य प्रतिमाएँ संसार में प्रख्यात थी |
= चोल प्रशासन - गावों के समूह को "नाडु" कहा जाता था |
वेल्लाल जाति के धनी किसानों को चोल राजाओं ने सम्मान के रूप में 'मुवेंदवेलन' ( तीन राजाओं को अपनी सेवाएँ प्रदान करने वाला वेलन या किसान) , ' अरइयार ' (प्रधान) जैसी उपाधियां दी थी |
= चोल साम्राज्य में भूमि के प्रकार : -
वेल्लनवगाई - गैर ब्राह्मण किसान की भूमि
ब्रह्मदेय - ब्राह्मणों को उपहार में दी गई भूमि
शालाभोग- विद्यालय के लिए भूमि
देवदान - मन्दिर को दान में दी गई भूमि
पल्लिच्चंदम - जैन संस्थान को दान दी गई भूमि |

कक्षा 7 ( अध्याय 3 ) दिल्ली के सुल्तान = 12 वीं सदी के मध्य में तोमरों को चौहानों ने परास्त किया, उस समय दिल्ली वाणिज्यिक शहर था, यहाँ पर जैन व्यापारी रहते थे, यहाँ पर देहलीवाल सिक्के भी ढाले जाते थे |
= दिल्ली के सुल्तानों ने अभिलेख, सिक्के और स्थापत्य का निर्माण प्रशासन की भाषा "फारसी" में करवाया जो इतिहास कहलाया ( तारीख -एकवचन / तवारीख़ - बहुवचन) |
= इतिहासकार मिन्हाज-ए-सिराज ने कहा है कि 1236 में रजिया सुल्तान उसके भाइयों में योग्य थी , जिसको 1240 में मार दिया गया था |
=13 वीं सदी में दिल्ली के सुल्तानों ने गैरिसन शहरों (जहाँ पर सैनिक रहते थे) का निर्माण किया था |
= अलाउद्दीन ख़लजी ने दक्षिण भारत को लक्ष्य करके सैनिक अभियान चलाये, सेनापति मलिक काफूर (हजार दीनारी- एक हजार में खरीदा गया गुलाम) को कार्यभार सौंपा था |
= देहली -ए-कुहना (पुराना शहर) में कुव्वत अल - इस्लाम मसजिद (जामा मस्जिद) है |
= गुलामों को फारसी में बंदगाँ कहा जाता है |
= भिन्न - भिन्न आकार के इलाकों को "इक्ता" कहा गया और इन्हें सम्भालने वाले इक्तादार या मुक्ती होते थे |
= अलाउद्दीन खलजी के शासनकाल में तीन तरह के कर थे : 1 खराज, कृषि की उपज का 50 % , 2 मवेशियों पर कर, 3 घरों पर कर |
कक्षा 7 ( अध्याय 4 ) मुगल साम्राज्य
# मुगल दो शासक वशों के वंशज थे - माता की ओर से चगेंज खान के ( मृत्यु 1227) उत्तराधिकारी व पिता की ओर से तैमूर ( मृत्यु 1404) के वंशज थे |
# मुगलों के प्रतियोगी उजबेग थे |
# तैमूर ने 1398 में दिल्ली पर कब्जा कर लिया था |
# प्रथम मुगल सम्राट बाबर ने 1494 में फरघना राज्य पर अधिकार किया, उस समय उसकी उम्र 12 वर्ष थी , उजबेगों के आक्रमण के कारण उसने पैतृक गद्दी छोड़नी पड़ी , 1526 में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोधी को हराकर दिल्ली पर कब्जा जमा लिया |
# मुगलों की सेवा में आने वाले नौकरशाह ' मनसबदार ' कहलाए , ये शब्द उनके लिए था जिन्हें कोई सरकारी पद मिलता था | पद और वेतन का निर्धारण जात की संख्या पर निर्भर था |
# अकबर के राजस्व मन्त्री टोडरमल ने दस साल के लिए भूमि का सर्वेक्षण किया ताकि जनता से राजस्व आसानी से मिल जाए, इस व्यवस्था को 'जब्ती प्रणाली ' कहा गया |
# अकबर के प्रशासन के बारे में अबुल फज्ल की अकबरनामा के आइने - अकबरी में मिलता है |
# अकबर के मन्त्री - बक्शी (सैनिक वेतनाधिकारी) , सदर ( धार्मिक कार्यों का मन्त्री) , फौजदार (सेनानायक) , कोतवाल ( नगर का पुलिस अधिकारी)|
# 1570 में अकबर ने कई धर्मो के लोगों को धर्म के मामलों पर चर्चा करने के लिए बुलाया, ये चर्चाएं इबादतखाना में हुई|
# अकबर (1556-1605) के समकालीन शासक - इंग्लैण्ड की शासक रानी एलिजाबेथ (1558-1603) , ईरान का सफाविद शासक शाह अब्बास (1588 -1629) , रूसी शासक जार ईवान चतुर्थ बेसिलयविच (1530-1584) जो 'ईवान द टेरिबल' के नाम से बदनाम है।

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